बरसों पहले जब हम छात्र
थे, १० लोगों ने मिलकर सोचा कि एक ग्रुप बनाया जाए। बस फ़िर क्या था, तुंरत ही नाम पर विचार शुरू
हो गया। राजस्थानी भाषा का एक शब्द है 'टूम' जिसका अर्थ है गहना या आभूषण। बस हो गई शुरुआत कलाकारों के इस समूह की। यह साल था 1991। और दस टूमें थीं - रामकिशन अडिग, महेन्द्रप्रताप शर्मा, राजेंद्र सिंह सुथार, अलका सिंह, मंजू शर्मा, सिद्धि राजोरिया, राजीव यादव, घनश्याम, दयानंद तथा शिप्रा निगम।
3 comments:
हिन्दी ब्लाग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है ,टिप्पणी चिटठा पढ़ने के बाद करूंगी .मेरी शुभ कामनाएं आपके साथ हैं .................
मेरे ब्लाग पर आपका स्वागत है
इस ग्रुप की आगे की गतिविधियों के बारे में भी बताएं. स्वागत मेरे ब्लॉग पर भी.
हिन्दी ब्लॉगजगत के परिवार में आपके नये ब्लॉग का और आपका हार्दिक स्वागत है । राजस्थान के बहुत से ब्लोग हिन्दी जगत मे सक्रिय है ।आपका यह ब्लोग बहुत प्रसिद्ध होगा यह मेरा मानना है । मेरी शेखावाटी
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