तुम कुछ सुनोगे
तुम कुछ खिसकाओगे
वो कुछ समझेगा
फिर हम कुछ लिखेंगे
तुम कुछ पढोगे
तुम कुछ प्रस्तुत करोगे
वो कुछ प्रतिक्रिया देगा
फिर हम कुछ बना कर बताएँगे
तुम उसमे कुछ देखोगे
तुम उसे किसी और को दिखाओगे
वो कुछ और देखेगा
फिर हम कुछ करके दिखायेंगे
तुम कुछ गुदगुदाओगे
तुम कुछ कहना चाहोगे
वो कुछ सुनेगा
बात वह
सीधी सच्ची होगी
मसलन
हम ये पूछ रहे होंगे
कि तुम्हारे घर में सब खैरियत से है ?
पर तुम उसे अनेकार्थक बनाओगे!
अभिषेक गोस्वामी (Poet)
जयपुर की पैदाइश, NSD की थिऐटर इन एजूकेशन . में दशक भर पढाया, अब आज़ाद थिऐटर निर्देशक और सलाहकार हैं, तस्वीरनवाजी का शौक भी दिनों लग गया है उनका अपना थिऐटर समूह- Breathing Space चर्चा में रहा है, लगातार ..... देश भर में और ओमान और चीन में रंगमंचीय जीवन के प्रवास किये है, कवि रूप में लगभग पहली सार्वजनिक उपस्थिति यही साजिश है
विश्वास निर्भीक (Artist)
बर्मिंघम पैलेस सहित कई एकल व समूह कला प्रदर्शनियों में भागीदार रहे. कई पुरस्कारों से सम्मानित व कला निजी व सरकारी संग्रहों में शामिल हैं. जवाहर नवोदय स्कूल बारां में कला शिक्षक है और बारां की कला पर शोधरत है
1 comment:
aabhaar bhai logon.
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